Sourav Ganguly Biography in Hindi: क्रिकेटर सौरव गांगुली का जीवन परिचय, बेटी, क्रिकेट करियर, आयु, पत्नी, दिल्ली कैपिटल्स, वाइफ, रिकॉर्ड, मैच, सबसे लंबा छक्का (Sourav Ganguly Biography in Hindi) (Stats, Net Worth, Age, Wife, Daughter, Centuries, Career, News, Biopic, Jersey Number)

सौरव गांगुली का जीवन परिचय (Sourav Ganguly Biography)
पूरा नाम | सौरव चंडीदास गांगुली |
उपनाम | दादा, प्रिंस ऑफ कोलकाता, बंगाल टाइगर, महाराजा |
जन्मतिथि | 8 जुलाई 1972 |
जन्मस्थान | बेहला, कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता), पश्चिम बंगाल, भारत |
उम्र | 51 वर्ष |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
भमिका | भारतीय टीम के शुरुआती बल्लेबाजों में से एक |
बल्लेबाजी की शैली | बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी |
गेंदबाजी की शैली | दाहिने हाथ से (मध्यम गति) |
सौरव गांगुली का परिवार(Sourav Ganguly’s Family)
पिता जी का नाम | चंडीदास गांगुली |
माता जी का नाम | निरुपा गांगुली |
बड़े भाई | स्नेहाशीष गांगुली |
पत्नी | डोना गांगुली विवाह |
बेटी | सना गांगुली |

क्रिकेटर सौरव गांगुली का जन्म और शुरुआती जीवन (Sourabh Ganguly Birth and Early Life)
सौरव गांगुली का पूरा नाम सौरव चंडीदास गांगुली है। इनका जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता के एक संभ्रांत बंगाली परिवार में हुआ था। सौरव के पिता चंडीदास गांगुली की गिनती कोलकाता के रईस लोगों में होती थी। ऐसे में स्वाभाविक है कि सौरव का बचपन ऐशो-आराम से भरपूर रहा था। फिर उनका रुतबा और जीवनशैली ऐसा थी कि लोग उन्हें ‘महाराजा’ के नाम से पुकारते थे।
सौरव गांगुली की शिक्षा एवं शुरूआती करियर (Sourabh Ganguly Education and Career Starting)
सौरव को उनकी स्कूली शिक्षा के लिए कोलकाता के प्रसिद्ध सेंट जेवियर्स स्कूल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान वे फुटबॉल के खेल में रुचि लेने लगे। गौरतलब है कि बंगाल में फुटबॉल का खेल काफी लोकप्रिय है। संभवत: इसका असर सौरव पर भी पड़ा और वे फुटबॉल खेलने की ओर आकर्षित हुए, लेकिन बाद के दिनों में सौरव ने अपने बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली की सलाह पर क्रिकेट खेलना शुरू किया। फिर उन्होंने अपनी प्रतिभा और जुनून का ऐसा तालमेल बिठाया कि वे भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारों में शुमार हो गए।

सौरव गांगुली का करियर (Career of Sourav Ganguly)
दूसरे लोगो की तरह सौरव के पिता भी उन्हें इंजीनियर या डॉक्टर बनाना चाहते थे। जब स्कूली शिक्षा के लिये सौरव को कोलकाता के सेंट ज़ेवियर्स स्कूल में दाखिल किया गया। जैसा की आप लोग जानते होंगे बंगाल में फुटबॉल काफ़ी ज़्यादा लोकप्रिय हैं। तो इस दौरान उन्होंने फुटबॉल में रूचि लेना शुरू कर दिया और वह फुटबॉल खेलने की ओर आकर्षित होने लगे। परन्तु बाद में अपने बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली के कहने पर सौरव ने क्रिकेट खेलना शुरू किया। गांगुली ने बचपन के दिनों में ही अपने बल्ले की तेज़ी को दिखाना शुरू कर दिया था। इस दौरान उन्होंने बंगाल अंडर-15 टीम की ओर से खलेते हुए उड़ीसा के खिलाफ शतक बनाया था। रणजी ट्राफी, दीलीप ट्राफी आदि में बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए सौरव गांगुली को 1992 में वेस्टइंडीज दौरे के लिये भारतीय टीम शामिल किया गया। इस दौरे में 11 जनवरी 1992 को उन्होंने ब्रिसबर्न में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला। इस दौरे में उन्हें केवल एक ही मैच खेलने का मौका मिला और उसमें उन्होंने मात्र 3 रन बनाए। करियर के लिहाज़ से उनका यह दौरा फ्लॉप रहा। इसके बाद उन्हें चार साल तक अंतर्राष्ट्रीय टीम में नहीं लिया गया। इसके बाद उन्होंने अपना पहला टेस्ट 1996 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। सौरव गांगुली की बल्लेबाज़ी में जोश जूनून और ताकत का अद्धभुत संगम देखने को मिलता था। वह ऑफ साइड पर बेहतरीन शॉट खेला करते थे। उन्हें जब टेस्ट टीम में शामिल किया गया तो उनकी तीखी आलोचना हुई। कहा गया की कोटा सिस्टम के कारण उसे टीम में शामिल किया गया हैं। लेकिन गांगुली ने अपनी पहली hi दो टेस्ट पारियो में शतक बनाकर सबके मुँह बंद कर दिये। यही नहीं उन मैचों में सौरव ने अधिक विकेट लेकर मैन ऑफ़ द सीरीज पुरस्कार भी जीत लिया। शुरू में गांगुली को उनके ऑन साइड शॉट ना खेलने के कारण उन्हें सिर्फ टेस्ट योग्य ही समझा जाता था। पर जल्द ही सौरव ने अपनी कमज़ोरी पर विजय प्राप्त करली। और 1997 में टोरंटो में हुए सहारा कप में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार खेलते हुए। हर भारतीय के दिल में अपनी शानदार जगह बना ली। सौरव ने 75 गेंदों में शानदार 75 रन बनाए और उसी मैच में 16 रन देकर 5 विकेट भी हासिल किये। उनका यह बेहतरीन आलराउंडर प्रदर्शन था, उन्होंने टोरंटो में चार बार मैन ऑफ़ द मैच जीता इसी कारण उन्हें मैन ऑफ़ द सीरीज चुना गया। वह अनेक बार सचिन तेंदुलकर के साथ ओपनिंग खिलाड़ी के रूप में खेले हैं। सौरव गांगुली की मुख्य समस्या विकेट के बीच मे भागने की हैं वह एक एक रन लेने की बजाय चौका छक्का मारने मे ज़्यादा विश्वास रखते हैं।
सौरव को श्रीलंका के खिलाफ खेली गयी सीरीज मे भी मैन ऑफ़ द सीरीज चुना गया। 1997 में एकदिवसीय मैच में सर्वाधिक रन बनाने के कारण वर्ष का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ घोषित किया गया। उनके शतक की बदौलत ही भारत ढाका में पाकिस्तान के खिलाफ सर्वाधिक 314 रन का स्कोर एकदिवसीय मैच में बना सका। एकदिवसीय मैच में उनकी सचिन तेंदुलकर के साथ 252 रन की पार्टनरशिप आज तक का सर्वाधिक ऊँचा रिकॉर्ड हैं। एकदिवसीय क्रिकेट इतिहास में सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर की जोड़ी विश्व की चौथे नम्बर की बेहतरीन जोड़ी हैं। फ़रवरी 2000 को सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया। इसके बाद वह टेस्ट और एकदिवसीय दोनों में लम्बे समय तक भारतीय टीम का नेतृत्व करते रहे। सौरव की कप्तानी में वर्ष 2003 भारतीय टीम वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी जहा उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथो हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2007 में ख़राब प्रदर्शन के कारण तथा भारतीय टीम के कोच ग्रेग चैपल से मनमुटाव के कारण उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। इसके बाद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फोर्मट्स से सन्यास ले लिया। इसके बाद वह आईपीएल टूर्नामेंट में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेले यहां भी उनका मनमुटाव हो गया इसके बाद उन्होंने पुणे वारियर टीम ज्वाइन कर ली अब वह आईपीएल की टीम दिल्ली कैपिटल के कोच हैं।
आंकड़ों में सौरव गांगुली की बल्लेबाजी (Sourav Ganguly Batting Record)
फॉर्मेट | मैच | इनिंग्स | रन | उच्च स्कोर | औसत | स्ट्राइक रेट | चौके | छक्के |
टेस्ट | 113 | 188 | 7212 | 239 | 42.18 | 51.26 | 900 | 57 |
वन डे | 311 | 300 | 11363 | 183 | 40.73 | 73.71 | 1122 | 190 |
आईपीएल | 59 | 56 | 1349 | 91 | 25.45 | 106.81 | 137 | 42 |
आंकड़ों में सौरव गांगुली की गेंदबाजी (Sourav Ganguly Bowling Record)
फॉर्मेट | मैच | इनिंग्स | रन | विकेट | औसत | स्ट्राइक रेट | इनिंग में श्रेष्ठ | मैच में श्रेष्ठ |
टेस्ट | 113 | 99 | 1681 | 32 | 52.53 | 97.41 | 28/3 | 37/3 |
वन डे | 311 | 171 | 3849 | 100 | 38.49 | 45.61 | 16/5 | 16/5 |
आईपीएल | 59 | 20 | 363 | 10 | 36.3 | 27.6 | 21/2 | 21/2 |

सौरव गांगुली की उपलब्धिया (Sourav Ganguly Achievement)
- फ़रवरी 2000 में सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया।
- गांगुली ने वर्ल्ड कप 1999 में श्रीलंका के खिलाफ 183 रन का विशाल स्कोर बनाया था। और उससे पहले कपिल देव का 175 रन का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। यह उस किसी भारतीय खिलाड़ी का सर्वाधिक स्कोर था।
- नवम्बर 1999 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 5 एकदिवसीय मैचों की सीरीज में उन्हें मैन ऑफ़ द सीरीज चुना गया।
- गांगुली उन गिने चुने खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने एक ही मैच में शतक भी बनाया और 4 विकेट भी लिये हैं।
- पेप्सी कप 1999 को गांगुली को मैन ऑफ़ द सीरीज चुना गया। उन्होंने इस सीरीज में 278 रन बनाए और 6 विकेट भी हासिल किये थे।
- सौरव गांगुली ने सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर शुरूआती जोड़ी के रूप में 252 रन की पार्टनरशिप का रिकॉर्ड बनाया हैं।
- सौरव को 1998 में अर्जुन पुरस्कार दिया गया।
- सौरव को 1998 में स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ द ईयर पुरस्कार दिया गया।
- गांगुली सचिन के साथ मिलकर शुरूआती खिलाड़ी जोड़ी के रूप में विश्व में चौथे नंबर पर हैं।
- 1997 में गांगुली एकदिवसीय मैच में सर्वाधिक स्कोर बनाने वाले खिलाड़ी बने।
- 1997 में सहारा कप में लगातार 5 बार मैन ऑफ़ द मैच जीतने का रिकॉर्ड बनाया हैं।
- अपने टेस्ट डेब्यू मैच की में दोनों पारियो में शतक बनाया।
सौरव गांगुली के पुरस्कार (Sourav Ganguly Award)
वर्ष | अवार्ड और सम्मान |
1997 | मैन ऑफ़ द सीरीज का पुरस्कार |
1998 | अर्जुन पुरस्कार |
1998 | स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ दी ईयर |
2013 | बंगा विभूषण पुरस्कार |
2004 | पद्म श्री पुरस्कार |
FAQ:
Q: कौन है सौरव गांगूली?
Ans: भारतीय क्रिकेटर है सौरव गांगूली।
Q: कितने टेस्ट मैच खेल चुके हैं सौरव गांगूली?
Ans: अब तक 49 टेस्ट मैच खेल चुके हैं।
Q: सौरव गांगुली की उम्र क्या है?
Ans: वर्तमान (2023) में सौरव गांगुली की उम्र 51 वर्ष है। इनका जन्म 8 July 1972 में हुआ था।
Q: सौरव गांगुली की पत्नी का नाम क्या है?
Ans: Sourav Ganguly की पत्नी का नामा डोना गांगुली (Dona Ganguly) है। वे एक भारतीय बंगाली ओडिसी नर्तकी है।
Q: Sourav Ganguly के पिता का नाम क्या है?
Ans: सौरव गांगुली के पिता का नाम चण्डीदास गांगुली है।
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