रबिन्द्रनाथ टैगोर की जीवनी (माता , पिता, पत्नी, उम्र, जाती, पेशा, धर्म, राष्ट्रीयता,जन्मस्थान, उपाधि, प्रमुख रचना, पुरुस्कार, म्रत्यु,जन्म, शिक्षा, ) (Rabindranath Tagore Biography in hindi (family, age, cast, nationality, religion, awards, death date, career, education, wife, poem, books)
![Rabindranath Tagore Biography in hindi](https://i0.wp.com/merastatus.in/wp-content/uploads/2023/05/20230510_172731.jpg?resize=800%2C450&ssl=1)
रबिन्द्र नाथ टैगोर भारत के सबसे प्रसिद्ध शख्श में से एक थे। उन्हें उनके पाठकों के दिमाग और दिलों पर अविस्मरणीय प्रभाव डालने के लिए कवियों का कवि एवं गुरुदेव भी कहा जाता था। रबिन्द्र नाथ टैगोर जी बंगाल की सांस्कृतिक दृष्टि में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। वे ऐसे भारतीय यहाँ तक कि गैर यूरोपीय व्यक्ति थे जिन्होंने साहित्य में पहला नॉबेल पुरस्कार जीता। वे न सिर्फ एक कवि या लेखक थे बल्कि वे साहित्य के युग का केंद्र थे जिन्हें भारत के सांस्कृतिक राजदूत के रूप में जाना जाता था। ये अपनी कविताओं के साथ – साथ राष्ट्रगान रचियता के रूप में भी जाने जाते हैं। हमने इस लेख के माध्यम से इनके द्वारा किये गये कार्य, उपलब्धियां और इनके जीवन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी है।
Table of Contents
रबिन्द्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय (Biography of Rabindranath Tagore)
पूरा नाम | रबिन्द्र नाथ टैगोर |
अन्य नाम | रवि, गुरुदेव, कवियों के कवि |
जन्म | 7 मई 1861 |
जन्म स्थान | कलकत्ता, बंगाल रेजीडेंसी, ब्रिटिश भारत |
उम्र | 80 वर्ष |
मृत्यु | 7 अगस्त 1941 |
मृत्यु स्थान | कलकत्ता, बंगाल रेजीडेंसी, ब्रिटिश भारत |
धर्म | हिन्दू |
राशि | वृषभ |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | कवि, गीत एवं संगीतकार, लेखक, नाटककार, निबंधक और चित्रकार |
पुरस्कार | साहित्य का नोबेल पुरस्कार (1913), नाईटहुड की उपाधि से सम्मानित (1915), ऑक्सफोर्ड यूनवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित (1940) |
प्रसिद्ध पुस्तक | गीतांजलि |
पारिवारिक जानकारी (Family Details)
पिता का नाम | देबेन्द्र नाथ टैगोर |
माता का नाम | सारदा देवी |
पत्नी का नाम | मृणालिनी देवी |
भाई एवं बहनों के नाम | सत्येंद्रनाथ टैगोर, ज्योतिरिंद्रनाथ टैगोर, द्विजेंद्रनाथ टैगोर, स्वर्णकुमारी देवी, पुण्येंद्रनाथ टैगोर, हेमेंद्रनाथ टैगोर, सोमेंद्रनाथ टैगोर, बीरेंद्रनाथ टैगोर, सौदामिनी टैगोर, बरनाकुमारी टैगोर, शरतकुमारी टैगोर, भूदेन्द्रनाथ टैगोर और सुकुमारी टैगोर |
बेटों के नाम | रविन्द्र नाथ टैगोर |
बेटियों के नाम | रेणुका टैगोर, मीरा टैगोर, शमिन्द्र नाथ टैगोर और माधुरिलाता टैगोर |
रबीन्द्रनाथ टैगोर का प्रारंभिक जीवन (Early life of Rabindranath Tagore)
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता के एक धनी परिवार में हुआ था, उनके पिता का नाम देबेंद्रनाथ टैगोर और माता का नाम शारदा देवी था। रवींद्रनाथ टैगोर के 13 भाई-बहन थे और वह 13 भाई-बहनों में चौथा जीवित पुत्र थे।
रवींद्रनाथ टैगोर के पिता देबेंद्रनाथ टैगोर ब्रह्मो समाज से बहुत ही ज्यादा प्रभावित थे, इसीलिए उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग चुना। वो अक्सर सफर करते रहते थे।
रवींद्रनाथ टैगोर बहुत छोटे थे, जब उनकी माता शारदा देवी का निधन हो गया। इसीलिए उनका पालन-पोषण नौकरों द्वारा किया गया था। रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स स्कूल (St. Xavier’s School) से प्राप्त की।
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म बुद्धिजीवियों के घर में हुआ था, रवींद्रनाथ टैगोर के सबसे बड़े भाई द्विजेन्द्रनाथ टैगोर एक कवि और दार्शनिक थे और उनके दूसरे बड़े भाई सत्येन्द्रनाथ टैगोर पहले भारतीय और गैर-यूरोपीय व्यक्ति थे, जिनको भारतीय सिविल सेवा में चुना गया था।
उनके एक और बड़े भाई ज्योतिंद्रनाथ टैगोर जो कि एक संगीतकार और नाटककार थे। उनकी एक बहन भी थी जिसका नाम स्वर्णकुमारी था जो एक उपन्यास लेखिका थीं। उनके घर में सब बुद्धिजीवी थे।
रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई जिनकी शादी 9 साल की कादंबरी देवी से हुई थे। रवींद्रनाथ टैगोर और कादंबरी देवी की उम्र लगभग बराबर थी इसीलिए ज्यादातर समय उन दोनों ने साथ बिताया, कहा जाता है कि कादंबरी देवी रवींद्रनाथ टैगोर जी से प्रेम करती थी, इसलिए सन 1883 रवींद्रनाथ टैगोर के विवाह के पश्चात कादंबरी देवी ने आत्महत्या कर ली थी।
![Rabindranath Tagore Biography in hindi](https://i0.wp.com/merastatus.in/wp-content/uploads/2023/05/rare-photographs-of-rabindranath-tagore_502b0a76-9b8a-11e6-84cd-7afcc7591aa7.jpg?resize=800%2C588&ssl=1)
रबिन्द्रनाथ टैगोर का विवाह (Marriage of Rabindranath Tagore)
इस बीच, 1883 में, रवींद्रनाथ टैगोर ने 10 साल की कन्या मृणालिनी देवी से शादी की।
रबिन्द्र नाथ टैगोर की शिक्षा (Education of Rabindranath Tagore)
रवींद्रनाथ टैगोर की प्रारंभिक शिक्षा सेंट जेवियर नामक स्कूल, कोलकाता में हुई। टैगोर कभी भी औपचारिक शिक्षा के प्रशंसक नहीं थे और इसी कारण उन्हें अपने स्कूल में जाने में कोई रुचि नहीं थी। इनके पिता देवेन्द्रनाथ टैगोर समाज सुधारक एवं समाजसेवी थे, इसीलिए वह रवीन्द्रनाथ को बैरिस्टर बनाना चाहते थे।
परन्तु इनको साहित्य में रूचि में थी। वर्ष 1878 में उनको कानून के अध्ययन के लिए ब्राइटन, इंग्लैंड भेजा गया तथा उनका लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज में दाखिला करवाया गया। लेकिन उनकी बैरिस्टर की पढ़ाई में कोई रुचि नहीं थी। वे शेक्सपियर के कई नाटकों का अध्ययन तथा अंग्रेजी, आयरिश और स्कॉटिश साहित्य और संगीत के मूल सिद्धांतों का अध्ययन करने के बाद 1880 में अपनी पढ़ाई अधूरी छोङकर ही भारत वापस लौट आए।
रबिन्द्र नाथ टैगोर का शुरूआती करियर (Early career of Rabindranath Tagore)
इनके करियर की बात की जाये तो इन्होने बहुत कम उम्र में ही लिखना शुरू कर दिया था। सन 1882 में उन्होंने अपनी सबसे चर्चित कविताओं में से एक ‘निर्जहर स्वप्नाभांगा’ लिखी थी। उनकी एक भाभी कादंबरी उनके करीबी दोस्त और विश्वासी थी। जिन्होंने सन 1884 में आत्महत्या कर ली थी। इस घटना से उन्हें गहरा आघात पहुंचा, उन्होंने स्कूल में कक्षाएं छोड़ी और अपना अधिकांश समय गंगा में तैराकी करने और पहाड़ों के माध्यम से ट्रैकिंग करने में बिताया। सन 1890 में, शेलैदाहा में अपनी पैतृक संपत्ति की यात्रा के दौरान उनकी कविताओं का संग्रह ‘मणसी’ जारी किया गया था। सन 1891 और 1895 के बीच की अवधि फलदायी शाबित हुई, जिसके दौरान उन्होंने लघु कथाओं ‘गल्पगुच्छा’ के तीन खंडो का संग्रह किया।
![Rabindranath Tagore Biography in hindi](https://i0.wp.com/merastatus.in/wp-content/uploads/2023/05/1596666155_dd344bc1-3386-4ea8-9dc6-c87dee39e818.jpg?resize=800%2C444&ssl=1)
रबिन्द्रनाथ टैगोर के जीवन की कार्यशैली (Rabindranath Tagore’s style of life)
रबिन्द्रनाथ टैगोर कभी न रुकने वाले, निरंतर कार्य करने पर विश्वास रखते थे। रबिन्द्रनाथ टैगोर ने, अपने आप मे ऐसे कार्य किये है जिससे, लोगो का भला ही हुआ है। उनमे से एक है, शांतिनिकेतन की स्थापना। शान्तिनिकेतन की स्थापना, गुरुदेव का सपना था जो उन्होंने, 1901 मे, पूरा किया। वह चाहते थे कि , प्रत्येक विद्यार्थी कुदरत या प्रकृति के समुख पढ़े, जिससे उसे बहुत ही अच्छा माहोल मिले। इसलिये गुरुदेव ने, शान्तिनिकेतन मे पेड़-पौधों और प्राकृतिक माहोल मे, पुस्तकालय की स्थापना की। रबिन्द्रनाथ टैगोर के अथक प्रयास के बाद, शान्तिनिकेतन को विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ। जिसमे साहित्य कला के, अनेक विद्यार्थी अध्यनरत हुए।
रबिन्द्रनाथ टैगोर की उपलब्धिया (Achievements of Rabindranath Tagore)
- रबिन्द्रनाथ टैगोर को अपने जीवन मे, कई उपलब्धियों या सम्मान से नवाजा गया परन्तु, सबसे प्रमुख थी “गीतांजलि”। 1913 मे, गीतांजलि के लिये, रबिन्द्रनाथ टैगोर को “नोबेल पुरुस्कार” से सम्मानित किया गया।
- रबिन्द्रनाथ टैगोर ने, भारत को और बंगला देश को, उनकी सबसे बड़ी अमानत के रूप मे, राष्ट्रगान दिया है जोकि, अमरता की निशानी है। हर महत्वपूर्ण अवसर पर, राष्ट्रगान गाया जाता है जिसमे, भारत का “जन-गण-मन है” व बंगला देश का “आमार सोनार बांग्ला” है।
- यह ही नही रबिन्द्रनाथ टैगोर अपने जीवन मे तीन बार अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे महान वैज्ञानिक से मिले जो रबिन्द्रनाथ टैगोर जी को रब्बी टैगोर कह कर पुकारते थे।
रबिन्द्रनाथ टैगोर की म्रत्यु (Rabindranath Tagore Death)
एक ऐसा व्यक्तित्व जिसने, अपने प्रकाश से, सर्वत्र रोशनी फैलाई। भारत के बहुमूल्य रत्न मे से, एक हीरा जिसका तेज चहु दिशा मे फैला। जिससे भारतीय संस्कृति का अदभुत साहित्य, गीत, कथाये, उपन्यास, लेख प्राप्त हुए। ऐसे व्यक्ति का निधन 7 अगस्त 1941 को कोलकाता मे हुआ। रबिन्द्रनाथ टैगोर एक ऐसा व्यक्तित्व है जो, मर कर भी अमर है।
![Rabindranath Tagore Biography in hindi](https://i0.wp.com/merastatus.in/wp-content/uploads/2023/05/Rabindranath-Tagore-study-Shantiniketan-West-Bengal.jpg?resize=776%2C1064&ssl=1)
रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविताएँ और पुस्तकें (Poems and Books of Rabindranath Tagore)
प्रमुख कविताएँ –
- मानसी (1890)
- सोनार तारी (1894)
- गीतांजलि (1910)
- गीतिमाल्या (1914)
- बालका (1916)
- तलगाच
- भानुसिम्हा ठाकुर पदबली
- कबी-कहिनी
- जीते नहीं दीबो
- प्रभात संगीत
- संध्या संगीत
- भगना हृदय
- बंगमाता
- चित्तो जेठा भयुन्यो
- दुई बीघा जोमी
- जीवन की धारा
- वीरपुरुष
रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुस्तकें –
- गीतांजलि (1910)
- शेशेर कबिता (1929)
- चोखेर बाली (1903)
- डाकघर (1912)
- मानसी (1890)
- रचनात्मक एकता (1922)
- वसंत का चक्र (1917)
- भिखारिनी
- भूखे पत्थर (1920)
- साधना, जीवन का अहसास (1913)
- राष्ट्रवाद (1917)
- लघु कथाएँ
- गीताबितान (1932)
- मनुष्य का धर्म (1931)
- द होम एंड द वर्ल्ड (1916)
- गेला (1910)
- आवारा पक्षी (1916)
- माली (1913)
- काबुलीवाला
- गाने की पेशकश (1910)
- द हंग्री स्टोन्स एंड अदर स्टोरीज़ (1916)
- रवीन्द्रनाथ टैगोर की चुनिंदा कहानियां (2004)
- द ब्रोकन नेस्ट (1901)
- रवीन्द्रनाथ टैगोर: एन एंथोलॉजी (1997)
- रवीन्द्रनाथ टैगोर की चुनिंदा लघु कथाएँ (1917)
- टैगोर की कहानियां (1918)
- द एसेंशियल टैगोर (2011)
- गमेरे लड़कपन के दिन
- फलों का जमावड़ा (1916)
- सोनार तोरी (1894)
- बंगाल की झलक (1921)
- मेरे संस्मरण (1912)
- रवीन्द्रनाथ टैगोर की संपूर्ण कृतियाँ (सचित्र संस्करण)
- रवीन्द्रनाथ टैगोर : चयनित कविताएं और गीत (2006)
- योगयोग (1929)
- गल्पगुच्छा
- मलबे (1926)
- प्रेमी का उपहार और पार (1918)
- वोकेशन (1909)
- सहज पथ
- चार अध्याय
- भानुसिम्हा ठाकुरर पदबली (1884)
- चतुरंगा
- नौकाडुंबी (1906)
- रवीन्द्रनाथ टैगोर : अचलायतन
- रेड ओलियंडर्स (1925)
- रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविताओं और नाटकों का संग्रह (1936)
- दुई बीघा जोमी
- एल कार्टेरो डेल रे
- घर आ रहा है
FAQ:
Q: रविंद्रनाथ टैगोर कौन थे?
Ans: रविंद्रनाथ टैगोर कवि, साहित्यकार, नाटककार, संगीतकार और चित्रकार थे।
Q: रवींद्रनाथ टैगोर ने क्या लिखा था?
Ans: रवींद्रनाथ टैगोर ने भारत का राष्ट्रगान ’जन-गण-मन’ तथा बांग्लादेश का राष्ट्रगान ’आमार सोनार बांग्ला’ लिखा था।
Q: विश्व भारती के संस्थापक कौन हैं?
Ans: विश्व भारती के संस्थापक रवीन्द्रनाथ टैगोर है।
Q: रवींद्रनाथ टैगोर को ‘गुरुदेव’ की उपाधि किसने दी थी?
Ans: रवींद्रनाथ टैगोर को गांधी जी ने “गुरुदेव” की उपाधि दी थी।
Q: रवींद्रनाथ टैगोर को कौन सा अवार्ड मिला था?
Ans: नोबेल पुरस्कार (साहित्य में)
Pingback: एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय | APJ Abdul Kalam Biography in Hindi - Mera Status
Pingback: राहुल गांधी जीवन परिचय | Rahul Gandhi Biography in Hindi