Srinivasa Ramanujan Biography in Hindi, Education, Work and Movie Details in Hindi, गणित के विद्वान श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय |

श्रीनिवास रामानुजन इयंगर एक महान भारतीय गणितज्ञ थे। वे विश्व के महानतम गणित विचारकों में से एक हैं। रामानुजन एक ऐसी प्रतिभा थे जिन पर न केवल भारत को अपितु पूरे विश्व को गर्व था। मात्र 33 वर्ष की आयु में इन्होने अपने अद्भुत और विलक्षण ज्ञान से गणित के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। जिसके कारण उन्हें पूरे विश्व में एक महान गणितज्ञ के रूप में पहचान दिलाई।
Table of Contents
श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय (Srinivasa Ramanujan Biography in Hindi)
नाम | श्रीनिवास रामानुजन |
जन्म | 22 दिसम्बर 1887 |
जन्म स्थान | ईरोड, तमिलनाडु |
मृत्यु | (33 वर्ष ) 20 अप्रैल1920, कुंभकोणम, तमिलनाडु |
मृत्यु का कारण | क्षय रोग |
माता | कोमलताम्मल |
पिता | कप्पूस्वामी श्रीनिवास अयंगर |
पत्नी | जानकी |
पेशा | गणित |
धर्मं | हिन्दू |
प्रसिद्धि का कारण | महान गणितज्ञ |
रामानुजन का प्रांरभिक जीवन (Srinivasa Ramanujan Early Life)
श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1987 को कोयंबटूर के इरोड नामक गांव में हुआ था। रामानुजन की माता का नाम कोमलतम्मल था। वह एक धार्मिक प्रवृति की ग्रहणी थी। जो एक स्थानीय मंदिर में भजन गाया करती थी। उनके पिता का नाम श्रीनिवास अयंगर था। जो पास की साड़ी की दुकान पर, मुनीम का काम किया करते थे।
रामानुजन का बचपन कुंभकोणम में बीता। जो प्राचीन मंदिरों के लिए विश्व विख्यात है। रामानुजन 3 वर्ष की आयु तक बोल नहीं पाते थे। इसके कारण उनके माता-पिता बहुत चिंतित रहते थे। कहीं वह गूंगे तो नहीं है। 1 अक्टूबर 1892 को रामानुजन का दाखिला एक स्थानीय प्राइमरी विद्यायल में कराया गया। रामानुजन बचपन से ही एक प्रतिभाशाली छात्र थे। उनके अजीबोगरीब प्रश्न अध्यापकों को भी चकरा देते थे।
वे अध्यापकों से पूछते, संसार का पहला व्यक्ति कौन था। पृथ्वी और बादलों के बीच की दूरी कितनी है। उनकी ऐसी बातें अध्यापकों को भी निरुत्तर कर देती थी। नवंबर 1897 में मात्र 10 वर्ष की आयु में, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर ली। इस परीक्षा में, वह पूरे जिले में अव्वल रहे। इसी साल वह उच्च माध्यमिक स्कूल गए। उन्होंने अपने घर किराये पर रह रहे। दो विद्यार्थियों के साथ गणित का अभ्यास करना शुरू किया।

श्रीनिवास रामानुजन की महत्वपूर्ण खोजें (Important discoveries of Srinivasa Ramanujan)
श्रीनिवास रामानुजन एक ऐसा गणितज्ञ था जिसने दुनिया को कई महत्वपूर्ण खोजों से अवगत कराया है। उन्होंने गणित के क्षेत्र में नई सोच को जन्म दिया था जिससे आज भी लोग लाभ उठा रहे हैं।
उनकी महत्वपूर्ण खोजों में से एक है ‘रामानुजन-परीक्षा’। इस परीक्षा के द्वारा कोई भी संख्या दी जा सकती है और रामानुजन की संख्यात्मक सूत्रों का इस्तेमाल करके उसका वर्गमूल निकाला जा सकता है। इस परीक्षा की मदद से गणित के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है।
रामानुजन ने गणित के क्षेत्र में और भी कई महत्वपूर्ण खोज की थी जैसे कि ‘परमाणु संख्या सूत्र’, ‘रमनुजन-समीकरण’, ‘रामानुजन जीवन सूत्र’, ‘रामानुजन योजना’ आदि। उनकी इन खोजों ने गणित के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी और आज भी उनकी इन खोजों से लोग लाभ उठा रहे हैं।
श्रीनिवास रामानुजन – पहला शोध पत्र (Srinivasa Ramanujan – First Research Paper)
इसी दौरान उनका पहला शोध- पत्र बरनौली संख्याओं के कुछ गुण, journal में छपा। उन्होंने अपनी पहली प्रॉब्लम का 6 महीनों तक इंतजार किया कोई इसका उत्तर दें बाद में उन्होंने खुद इसका जर्नल में उत्तर दिया

जो कि जर्नल ऑफ़ इंडियन मैथमेटिकल सोसायटी में प्रकाशित हुआ। रामानुजन की कुलदेवी का नाम नामगिरी था। वे एक धार्मिक व्यक्ति थे। यह अक्सर दावा करते थे। उनकी देवी नामगिरी सपने में, उन्हें गणित के सूत्र बताती है। जिसे वे बाद में नोटबुक पर लिख लेते थे।
रामानुजन का गणित में योगदान (Ramanujan Work)
वर्ष 1918 में 31 साल की उम्र में गणित के 120 सूत्र लिखे और अपनी शोध को अंग्रेजी प्रोफ़ेसर जी.एच. हार्डी के पास भेजे। हार्डी ने उस शोध को पढ़ा और उन शोध पत्रों से वे अत्यधिक प्रभावित हुए और उन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (cambridge university) आने का न्योता दिया। फिर अक्टूबर 1918 में रामानुजन को ट्रिनिटी कॉलेज की सदस्यता प्रदान की गयी। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय थे।

श्रीनिवास रामानुजन की मृत्यु (Death of Srinivasa Ramanujan)
26 अप्रैल 1920 को TB(Tuberculosis) बीमारी के कारण रामानुजन ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली। मृत्यु के समय उनकी आयु सिर्फ 33 वर्ष की थी। श्रीनिवास जी को खोना सम्पूर्ण विश्व के लिए अपूर्णीय क्षति थी। रामानुजन ने अपने 33 वर्ष के जीवन में 3884 समीकरण (equation) बनाये। जिनमे से कई तो आज भी अनसुलझी हैं। गणित में 1729 को रामानुजन नंबर से जाना जाता हैं। भारत के तमिलनाडु राज्य में रामानुजन के जन्मदिन को IT दिवस और भारत में NATIONAL MATHEMATICS DAY रूप में बनाया जाता हैं। श्रीनिवास रामानुजन को “MAN WHO KNEW INFINTY” कहा जाता हैं। 2014 में इनके जीवन में तमिल फिल्म “रामानुजन का जीवन” बनाई गयी थी। 2015 में इन पर एक और फिल्म आई जिसका नाम “THE MAN WHO KNEW INFINTY ” था।
FAQ:
Q: श्रीनिवास रामानुजन कौन थे?
Ans: श्रीनिवास रामानुजन भारत के एक महान गणितज्ञ थे, जो अपने अद्भुत गणितीय क्षमताओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हुए थे।
Q: श्रीनिवास रामानुजन का जन्म कहा हुआ था?
Ans: श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु, भारत में हुआ था।
Q: सृनिवास रामानुजन का कौन सा खोज उन्हें दुनिया भर में मशहूर कर दिया?
Ans: सृनिवास रामानुजन का “रामानुजन-पीटर्सन समीकरण” उन्हें दुनिया भर में मशहूर कर दिया। यह समीकरण अनेक विशेषताओं को समाधान करने में सक्षम है जिसमें आल्बर्ट आइंस्टीन, स्टीवन हॉकिंग और रिचर्ड फेयनमैन जैसे वैज्ञानिकों का भी उपयोग हुआ है।
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