Sant Rampal Biography in Hindi | संत रामपाल का जीवन परिचय

Sant Rampal Biography in Hindi: संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे।

हरियाणा में संत रामपाल दास महाराज को लेकर कुछ ऐसा कोहराम मचा है कि स्थानीय प्रशासन की नींद उड़ी हुई है. संत समर्थक और पुलिस बल आमने-सामने हैं. एक किसान के घर में जन्मे रामपाल की खातिर सैकड़ों लोग अपनी लाश बिछाने को तैयार हैं , एक नजर संत रामपाल के जीवनी पर

Sant Rampal Biography in hindi

Sant Rampal Biography in Hindi ( संत रामपाल का जीवन परिचय )

वास्तविक नाम रामपाल सिंह जतिन
जन्म की तारीख 8 सितंबर 1951
आयु 2024 के अनुसार 73 वर्ष
जन्म स्थान गोहाना, सोनीपत, हरियाणा
राशि कन्या
पेशा सवाघोषित धार्मिक नेता
राष्ट्रीयता भारतीय
विद्यालय गोहाना हाई स्कूल, सोनीपत
विश्वविद्यालय आधोगिक प्रसिकक्षण संस्थान, नीलोखेड़ी
शैक्षणिक योग्यता डिप्लोमा
धर्म कबीर पंथ
जाति ज्ञात नहीं

Sant Rampal Family – संत रामपाल का परिवार

पिता भक्त नन्द लाल ( किसान )
माता इंदिरा देवी
भाई पुरषोत्तम दस
बहन ज्ञात नहीं

ख़ुद को संत कबीर का अवतार और भगवान घोषित करने वाले रामपाल की कहानी किसी हिंदी फिल्म के किरदार से कम नहीं.

उनके समर्थकों के लिए वो नायक हैं और आलोचकों के लिए खलनायक.

और क़ानून की नज़र में वो फिलहाल एक अभियुक्त हैं जिनके ख़िलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी हुआ है.

2006 के एक हत्या के मामले में 2008 में संत रामपाल को ज़मानत मिली थी. लेकिन उसके बाद से वे एक बार भी अदालत में पेश नहीं हुए हैं.

अगस्त 2014 में हिसार ज़िला अदालत में उनके समर्थकों ने काफ़ी हुड़दंग मचाया था. जिसके बाद पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्हें अदालत में पेश होने को कहा था और पूछा था कि उनकी ज़मानत क्यों न रद्द कर दी जाए.

‘पशुओं से बात करते हैं’

सोनीपत के धनाणा गांव में 1951 को जन्मे रामपाल हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर थे.

नौकरी के दौरान ही रामपाल दास सत्संग करने लगे और ‘संत रामपाल’ बन गए. हरियाणा सरकार ने उन्हें 2000 में इस्तीफा देने को कहा. उसके बाद रामपाल ने करोंथा गांव में सतलोक आश्रम बनाया. जो फ़िलहाल सरकार के क़ब्ज़े में हैं.

हरियाणा में हिसार के पास बरवाला में स्थित इस आश्रम की ज़मीन को लेकर रामपाल पर कई आरोप लगे है.

आश्रम के बाहर रामपाल को गिरफ़्तारी से बचाने के लिए जमा उनके हज़ारों समर्थकों में से एक मनोज दास कहते है, “बाबा एक चमत्कारी आत्मा है जो धरती पर भगवान का स्वरूप है. कुछ लोग इन्हें फंसा रहे है पर हम खड़े रहेंगे जितनी भी गोलिया क्यों न बरसें.”

मनोज का कहना है कि रामपाल तो पशुओं से भी बात कर सकते है.

ज़मीन ज़ब्त

रामपाल इस्लामी विद्वान डॉ ज़ाकिर नाइक और कई अन्य धर्म गुरुओं पर अपनी टिप्पणियों को लेकर भी चर्चा में रहे.

2006 में स्वामी दयानंद पर संत रामपाल ने एक बयान दिया, जिसके बाद रामपाल और आर्य समाज के समर्थकों के बीच सतलोक आश्रम के बाहर हिंसक झड़प हुई. इसमें एक महिला की मृत्यु हुई.

झड़प के बाद पुलिस ने रामपाल को हत्या के मामले में हिरासत में लिया. 22 महीने जेल में रहने के बाद वह 30 अप्रैल 2008 को रिहा हुए. रामपाल का आश्रम भी सरकार ने ज़ब्त कर लिया.

रोहतक से बीजेपी के पूर्व विधायक रहे नरेश मालिक कहते है, “मैंने रामपाल का मुद्दा हरियाणा विधानसभा में उठाया था. लेकिन सरकार ने उसे नज़र अंदाज़ किया. मेरी पार्टी में भी कई लोग बाबा की असलियत नहीं जानते है.”

वो कहते हैं, “लोग कहते थे कि चुनाव से पहले बाबा का आशीर्वाद ले लो पर मैंने मना किया क्योंकि वह अधर्मी है और सभी तरह के ग़लत काम करते हैं.”

तारीख़ पर तारीख़

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल रामपाल की ज़ब्त की गई ज़मीन को उन्हें लौटने के लिए हरियाणा सरकार को निर्देश किया.

इसके एक महीने बाद ही मई में आश्रम के बाहर फिर झड़प हुई जिसमें दो लोग मारे गए.

संत रामपाल अब तक कोर्ट की कई सुनवाई में पेश नहीं हुए हैं. कोर्ट ने इस महीने प्रशासन को इस मामले में झाड़ लगाई. उनके ख़िलाफ़ गैर ज़मानती वारंट जारी करते हुए कोर्ट ने पुलिस से उन्हें 21 नवंबर से पहले कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है.

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