रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) का जीवन परिचय – Raghuraj Pratap Singh Biography In Hindi

Raghuraj Pratap Singh Biography In Hindi: हिंदी पट्टी के दो बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति बाहुबलियों के किस्से के बिना अधुरी है। इन राज्यों में सत्ता के शीर्ष पर कोई भी बैठे, बाहुबलियों के दबदबे को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता। समय काफी बीत चुका है, कई बाहुबली अतीत का अध्याय बन चुके हैं। लेकिन कुछ का जलवा अभी भी अपने इलाके में कायम है। ऐसे बाहुबली नेताओं में सबसे पहला नाम आता है, कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का।

इस पोस्ट में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के बारे में जानेंगे

Raghuraj Pratap Singh Biography In Hindi

Raghuraj Pratap Singh Biography In Hindi – रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) का जीवन परिचय

नामरघुराज प्रताप सिंह
जन्मतिथि31 अक्टूबर 1968
उम्र56 वर्ष
जन्म स्थानकुंडा, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत
शैक्षणिक योग्यता स्नातक
पेशा राजनीति

साल 1993 में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले प्रतापगढ़ जनपद स्थित भदरी रियासत के उत्तराधिकारी राजा भैया मात्र 24 साल की उम्र में पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे। ये वो दौर था, जब यूपी की राजनीति मंडल बनाम कमंडल में मोटे तौर पर बंटी थी। ऐसे सियासी माहौल में राजा भैया ने अपनी स्वतंत्र पहचान कायम की। इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1993 से लेकर 2022 तक यूपी की सियासत में कई दलों के पक्ष में तूफानी जनादेश आया, लेकिन इनमें से किसी में इतनी ताकत नहीं थी, जो राजा भैया को विधानसभा पहुंचने से रोक सके।

रघुराज का जन्म 31 अक्टूबर 1967 को प्रतापगढ़ विशेन क्षत्रिय के भदरी रियासत में पिता श्री उदय प्रताप सिंह और माता श्रीमती मंजुल राजे के यहाँ हुआ।

इनके दादा राजा बजरंग बहादुर सिंह, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। राघुराज के पिता राजा उदय प्रताप सिंह विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मानद पादाधिकारी रह चुके हैं। इनकी माता श्रीमती मंजुल राजे भी एक शाही परिवार की है।

रघुराज प्रताप सिंह की शिक्षा

राजा भैया अपने परिवार के पहले ऐसे सदस्य थे जिन्होंने पहली बार राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया।रघुराज प्रताप की प्राथमिक शिक्षा नारायणी आश्रम, इलाहाबाद के महाप्रभु बाल विद्यालय में हुआ। सन 1985 में भारत स्काउट एंड गाइड हाई स्कूल से दसवी तथा सन 1987 में इलाहाबाद के एक इंटरमीडिएट स्कूल से बारहवी की पढ़ाई की। लखनऊ विश्वविद्यालय से इन्होंने कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। घुड़सवारी और निशानेबाजी के शौकीन राजा भैया लखनऊ विश्वविद्यालय से मिलिट्री साइंस और भारतीय मध्यकालीन इतिहास में स्नातक हैं। राजा भैया के बारे में कहा जाता है कि वे साइकिल चलाने से लेकर हवाई जहाज उड़ाने तक का कारनामा करते हैं।

रघुराज प्रताप सिंह का परिवार

रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया का विवाह बस्ती रियासत की राजकुमारी भान्वी देवी से हुआ। इनके दो पुत्र शिवराज एंव ब्रृजराज, दो पुत्रियाँ राधवी और ब्रृजेश्वरी है।

रघुराज प्रताप सिंह का राजनीतिक सफर

रघुराज प्रताप सिंह कुंडा की सीट से, स्वतंत्र पूर्वक सन् 1993 में राज्य स्तरीय चुनाव में भाग लिया और विजयी होकर विधायक बने। तब वह सिर्फ 26 वर्ष के थे। सन् 1999 में इण्डियन जनरल इलेक्शन में इन्होंने राजकुमारी रत्ना सिंह के खिलाफ (जो कि इसी परिवार से ही सम्बंधित हैं), अपने चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को उतार दिया। राजा भैया कद्दावर राजनेता छवि के प्रभाव से उनके भाई भी उस चुनाव में जीत गए थे।

रघुराज प्रताप सिंह ने 1993 में हुए विधानसभा चुनाव से कुंडा की राजनीति में कदम रखा था। तब से वह लगातार अजेय बने हुए हैं। उनसे पहले कुंडा सीट पर कांग्रेस के नियाज हसन का डंका बजता था। हसन 1962 से लेकर 1989 तक कुंडा से पांच बार विधायक चुने गए।

रघुराज प्रताप सिंह 1993 और 1996 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी समर्थित, तो 2002 और 2007, 2012 के चुनाव में एसपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए।

राजा भैया, बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार और एसपी की मुलायम सिंह सरकार में भी मंत्री बने। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट में खाद्य एवं रसद मंत्री है।रघुराज प्रताप सिंह को सन 1997 में भारतीय जनता पार्टी के कल्याण सिंह के मंत्रीमंडल में कबानी मंत्री, वर्ष 1999 व 2000 में राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के कैबिनेट में खेल कूद एंव युवा कल्याण मंत्री बनाया गया। साल 2004 में समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव की सरकार में रघुराज प्रताप खाद्य एवं रसद विभाग के मंत्री बने।

15 मार्च, 2012 को राजा भैया पुनः उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट में कारागार एवं खाद्य एवं रसद मंत्री बने, लेकिन 2 मार्च 2013 को कुंडा में तीहरे हत्याकांड मामले में डी. एस. पी. जिया उल हक के हत्या मामले राजा भैया का नाम आने पर इन्होने 4 मार्च, 2013 को मंत्री पद से इस्तिफा दे दिया। हालांकि बाद में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के प्रारंभिक जाँच में ही राजा भैया निर्दोष पाए गए और क्लोजर रिपोर्ट में इन्हें क्लीन चिट मिल गई।

सी.बी. आई . की अंतरिम रिपोर्ट में राजा भैया को पूरी तरह क्लीन चिट मिल गयी और 11 अक्टूबर को उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने सम्मान सहित पुनः कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया और वर्तमान सरकार में रघुराज प्रताप सिंह खाद्य, रसद एवम् आपूर्ति विभाग के मंत्री हैं।

कुँवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया हर साल 101 गरीब बहन बेटियो की शादी करवाते है।

FAQ:-

रघुराज प्रताप सिंह कौन हैं?

इनको राजा भैया के नाम से भी जाना जाता है, ये एक राजनेता हैं।

रघुराज प्रताप सिंह की उम्र कितनी है?

इनकी उम्र 2024 में 56 वर्ष है।

रघुराज प्रताप सिंह के कितने बच्चे हैं?

इनके चार बच्चे हैं, जिनमें 2 बेटा और 2 बेटी है।

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