जगदीप धनखड़ जीवन परिचय Jagdeep Dhankhar Biography in Hindi (जीवनी, जन्म तारीख, शिक्षा, करियर, परिवार, आयु, जगदीप धनखड़ कौन है, जगदीप धनखड़ का इतिहास, राष्ट्रपति, जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति, जाति, राजनीतिक पार्टी, पत्नी, बच्चे, राजनीतिक यात्रा) Jagdeep Dhankhar Biography in Hindi (date of birth, wiki, education, political career, age, history, caste, family, wife, Son, Grand son, Jagdeep Dhankhar vice president, village, profession, net worth, political party)
Jagdeep Dhankhar Biography in Hindi: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार जगदीप धनकड़ को 6 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति चुने गए। आपको बता दें कि, वो इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के सदस्य रह चुके हैं और पश्चिम बंगाल राज्य के वर्तमान राज्यपाल के रूप में कार्य किया करते हैं। लेकिन आज हम आपको बताएंगे की कौन है जगदीप धनकड़। कैसे रहा उनका जीवन। जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे। ताकि आपको भी इसकी जानकारी रहे कि आपके उपराष्ट्रपति कहां के रहने वाले हैं और क्या करते हैं। चलिए जानते हैं क्या है उनका जीवन परिचय।
Table of Contents
जगदीप धनखड़ जीवन परिचय | Jagdeep Dhankhar Biography in Hindi
नाम (Name) | जगदीप धनखड़ |
जन्म (Date of birth) | 18 मई 1951 |
जन्म स्थान (Birth Place) | किठाना गांव, झुंझुनू जिला, राजस्थान |
उम्र (Age) | 72 साल |
जाति (Caste) | जाट |
प्रसिद्धि | भारत के 14वें उपराष्ट्रपति (Vice President) |
व्यावसाय (Profession) | राजनेता और वकील |
राजनीतिक पार्टी (Politics Partie) | जनता दल (1988-1991), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (1991-2003), भारतीय जनता पार्टी (2003- 2019) |
स्कूल (School) | शासकीय प्राथमिक विधालय, किठाना, सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ |
कॉलेज (College) | महाराजा कॉलेज, जयपुर, राजस्थान विश्वविधालय |
शैक्षिक | बीएससी (ऑनर्स) भौतिक, एलएलबी |
शौक | यात्रा करना, ध्यान करना और पढ़ना |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहित |
विवाह तिथि (Marriage Date) | साल 1979 |
पत्नी (Wife) | डॉ. सुदेश धनकड़ |
बच्चे (Children) | बेटी- कामना धनकड़, बेटा- पता नहीं |
पिता का नाम (Father Name) | चौधरी गोकल चंद |
माता का नाम (Mother Name) | केसरी देवी |
भाई का नाम (Brother Name) | कुलदीप धनकड़, रणदीप धनकड़ |
बहन का नाम (Sister name) | इंद्र धनकड़ |
वेतन उपराष्ट्रपति के रूप मे (Salary) | चार लाख रूपये + अन्य भत्ता |
जगदीप धनकड़ जन्म तिथि | Jagdeep Dhankhar Date of Birth
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 किठाना गाँव, जिला झुंझुनू, राजस्थान के हिंदू परिवार में हुआ था। जगदीप धनखड़ साधारण किसान परिवार से है. जगदीप के पिता स्व. गोकुलराम धनखड़ एक किसान थे इनकी माता स्व. केसरी देवी गृहिणी थी।
जगदीप धनकड़ परिवार | Jagdeep Dhankhar Family
जगदीप धनखड़ के तीन भाई और एक बहन भी है। जगदीप धनकर के बड़े भाई का नाम कुलदीप धनखड़ है वह कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं दूसरे नंबर पर स्वयं जगदीप धनखड़ आते हैं और तीसरे नंबर पर सबसे छोटे भाई रणदीप धनखड़ हैं जो कि आरटीडीसी चेयरमैन रह चुके है।
उनकी एक बहन भी है जिसका नाम इंद्रा है और उनकी बहन की शादी श्री धर्म पाल डूडी से हुई है। उनकी पत्नी सुदेश धनकड़ और एक बेटी कामना धनकड़ और दामाद कार्तिकेय वाजपेयी भी है।
जगदीप धनकड़ शिक्षा | Jagdeep Dhankhar Education
- जगदीप धनकड़ की प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई। ये स्कूल उनके गांव किठाना में ही स्थित है। उसके बाद उन्होंने कक्षा 6 में घर से कुछ दूरी पर दूसरे स्कूल में दाखिला लिया। स्कूल दूर होने के कारण वो पैदल यात्रा करते थे।
- साल 1962 में उन्होंने सैनिक स्कूल में दाखिला लिया। उनके बड़े ई कुलदीप धनकड़ ने भी अपनी पढ़ाई सैनिक स्कूल से पूरी की।
- उसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई राजस्थान विश्वविधालय से की। जहां से उन्होंने बीएससी भौतिक की पढ़ाई की। अपनी तीन साल की पढ़ाई पूरी करक उन्होंने डिग्री हासिल की।
- भौतिक में डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने उसी विश्वविधालय से एलएलबी की पढ़ाई की। जिसकी डिग्री उन्हें साल 1979 में प्राप्त हुई।
जगदीप धनकड़ पत्नी | Jagdeep Dhankhar Wife
जगदीप धनकड़ की पत्नी का नाम सुदेश धनकड़ है। जो साल 1979 में ग्रामीण परिवेश के एक प्रतिष्ठत कॉलेज में पढ़ती थी। उनकी शादी 1979 में हुई। आपको बता दें कि, उनकी पत्नी को सामाजिक कार्य और जैविक खेती, बालल शिक्षा में काफी रूचि है। वो उसपर काफी कार्य करती हैं। इसके अलावा उन्हें घूमना भी काफी पसंद है।
Jagdeep Dhankhar Social Media Account
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जगदीप धनकड़ का राजनीतिक सफर | Jagdeep Dhankhar Political Career
- जगदीप धनकड़ का राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा है। बीजेपी में शामिल होने से पहले वो साल 1989 से 1991 तक राजस्थान के झुंझुनू से सांसद थे। जिसके बाज वो जनता दल के सदस्य बने। इसके बाद वो 1993 से 1998 के बीच राजस्थान के किशनगढ़ से विधानसभा सदस्य रहे।
- साल 1989 को उन्हें झुंझुनू से 9वीं लोकसभा के लिए चुना गया। जिसके बाद वो 1990 में संसदीय समिति के अध्यक्ष चुने गए।
- इसके बाद वो साल 1990 में केंद्रीय मंत्री बने और 1993-1998 में अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभ के लिए चुने गए।
- राजस्थान राज्य में जाट समुदाय के साथ अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को ओबीसी में शामिल करने का दर्जा दिया। जिसके बाद देश में माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने साल 2019 को भारत के संविधान के अनुच्छेद 155 के तहत वारंट जारी किया गया।
- लोकसभा और विधानसभा दोनों में महत्वपूर्ण हिस्सा रहे केंद्रीय मंत्री यूरोपिय संसद के संसदीय समूह का हिस्सा भी रहे।
- इसके बाद से ही उनका और सीएम ममता बनर्जी का उनसे तीखा संबंध रहा। हमेशा से ही टीएमसी उन्हें बीजेपी का एजेंट कहती है।
- जगदीप ने कई मुद्दों पर अहम जानकारी जारी करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार की कई बार फटकार लगाई। दोनों पक्षों के बीच काफी विवाद फैला।
जगदीप धनखड़ विवाद | Jagdeep Dhankhar Controversy
- ममता बनर्जी के साथ वाकयुद्ध: राज्यपाल अक्सर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ अपनी असहमति को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।
- जादवपुर विश्वविद्यालय में प्रवेश की मनाही: वर्ष 2019 में जादवपुर विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी संघ, जो टीएमसी के निकटतम था, ने विश्वविद्यालय में राज्यपाल के प्रवेश को रोक दिया।
- बैठक में भाग लेने के लिए पश्चिम बंगाल के कुलपतियों की विफलता: जुलाई 2020 में राज्यपाल ने अपने आवास पर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाई। जब कोई वीसी नहीं आया तो राज्यपाल ने मामले की जांच शुरू की। जब राज्यपाल ने ममता बनर्जी से इस मुद्दे पर जवाब मांगा, तो उन्होंने राज्यपाल पर कुलपतियों के खिलाफ अवांछित जांच शुरू करने और उनका “मुखपत्र” बनकर भाजपा के हाथों में खेलने का आरोप लगाया। ममता ने एक इंटरव्यू में कहा, “निर्वाचित प्रतिनिधि होने के बावजूद, हमसे (राज्यपाल द्वारा) नौकरों की तरह व्यवहार की जाती है … और हर पल (उन्हें) इसका जवाब देना होगा। हम राज्यपाल के नियमित संपर्क में हैं- मैंने बुधवार को उनसे चार बार बात की। राज्य सरकार क्या करेगी: महामारी से निपटें या उसके सवालों का जवाब देना जारी रखें? अब बहुत हो गया है।” बदले में जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर बंगाल के शिक्षा समाज में “अस्वस्थ स्थिति” बनाकर “राज्य के शैक्षिक मामलों” में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। धनखड़ ने एक साक्षात्कार में कहा, “शिक्षा एक समाज की आत्मा है, क्योंकि यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे राज्य में शिक्षा राजनीतिक रूप से बंद और नियंत्रित है। शिक्षा पर राजनीतिक पकड़ मजबूत होती जा रही है – इससे छात्रों, शिक्षा परिदृश्य और बड़े पैमाने पर समाज को नुकसान होगा।”
राजनीतिक लाभ के लिए जानबूझकर पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने का आरोप: मई 2021 में जगदीप धनखड़ पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके चुनावी मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। अपने बचाव में राज्यपाल ने कहा कि वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं, जो उन्हें भारत के संविधान द्वारा दिए गए थे। - सोशल मीडिया पर सीएम ने किया ब्लॉक: जनवरी 2022 में ममता ने ट्विटर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को ब्लॉक कर दिया और उन पर जानबूझकर उनकी सरकार पर हमला करने का आरोप लगाया। एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा, “मुझे ट्विटर पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ब्लॉक करने के लिए मजबूर किया गया है। हर दिन वह (गवर्नर) सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाकर धमकाते हुए ट्वीट कर रहे थे जैसे कि हम उनके बंधुआ मजदूर हैं।”
- ममता बनर्जी पर राज्य में हिंसा भड़काने का आरोप: मार्च 2022 में पश्चिम बंगाल में हिंसा फैलने के बाद, राज्यपाल ने ममता के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर राज्य में “अराजकता” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। सीएम ने राज्यपाल से “अनुचित बयान देने से परहेज करने और प्रशासन को निष्पक्ष जांच करने की अनुमति देने” का जवाब दिया।
- भाजपा मामले के खिलाफ जिहाद: 21 जून 2022 को “भाजपा के खिलाफ जिहाद का दिन” घोषित करने के बाद, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के बयान को “सत्तावादी और अलोकतांत्रिक” बताया। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के बयान “लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए मौत की घंटी के बराबर हैं।” राज्यपाल ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए ममता को पत्र लिखकर अपने अलोकतांत्रिक बयान को सही करने को कहा।
- पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री को राज्य के स्वामित्व वाले विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाना: जुलाई 2022 में भारत के संविधान के प्रावधानों के खिलाफ जाकर, पश्चिम बंगाल विधान सभा ने एक विधेयक पारित किया, जिसमे मुख्यमंत्री को राज्यपाल के बजाय राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों के “बाय-डिफॉल्ट” चांसलर के रूप में नियुक्त करने की अनुमति दी। विधेयक ने राज्य के सीएम को कुलपति नियुक्त करने की शक्ति भी दी। जगदीप धनखड़ ने पश्चिम बंगाल सरकार पर विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं से ध्यान हटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इंगित किया था। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा विधेयक पारित होने के बाद, राज्यपाल ने महुआ मुखर्जी को रवींद्र भारती विश्वविद्यालय (आरबीयू) के अगले कुलपति के रूप में नियुक्त किया। टीएमसी के प्रवक्ता ने राज्यपाल पर गैरकानूनी फैसले लेने का आरोप लगाया। उन्होंने राज्यपाल पर लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ जाने का आरोप लगाया। एक साक्षात्कार में, प्रवक्ता ने बताया, “राज्यपाल ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह लोकतांत्रिक सिद्धांतों और संघवाद में विश्वास नहीं करते हैं। राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद पर मुख्यमंत्री की नियुक्ति के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित विधेयक का इंतजार है, जबकि माननीय राज्यपाल ने आरबीयू के कुलपति के रूप में एक नाम की घोषणा की है। उन्होंने इस घोषणा से पहले शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को विश्वास में लेना भी जरूरी नहीं समझा।”
जगदीप धनकड़ बने 14वें उपराष्ट्रपति | Jagdeep Dhankhar Vice President
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनकड़ भारत के 14वें राष्ट्रपति के पद के लिए नियुक्त किए गए हैं। आपको बता दें कि, इसके लिए चुनाव सुबह 10 बजे से शुरू हुए थे। जिसमें सबसे पहला वोट माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डाला। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व्हीलचेयर पर पहुंचे और अपना वोट डाला। इसी के साथ और लोगों ने भी अपना वोट डालकर उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया।
जगदीप धनकड़ से जुड़ी कुछ बातें | Jagdip Dhankhar Fact
- जगदीप धनखड़ एक भारतीय राजनेता और वकील हैं। उन्हें पश्चिम बंगाल के 28वें राज्यपाल के रूप में जाना जाता है। जुलाई 2022 में उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्वारा उपराष्ट्रपति के चुनावी उम्मीदवार के रूप में चुने जाने के बाद सुर्खियां बटोरीं।
- वर्ष 1993 में वह 10वीं विधान सभा चुनाव लड़े और उन्हें राजस्थान में किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा (एमएलए) के सदस्य के रूप में चुना गया। 1998 के अंत तक वह INC के विधायक रहे।
- वर्ष 2003 में वह भाजपा में शामिल हो गए और 2008 में उन्हें भाजपा की विधानसभा चुनाव अभियान समिति का सदस्य बनाया गया।
- वर्ष 2015 में जगदीप धनखड़ ने राजस्थान के जाट समुदाय को ओबीसी का दर्जा देने और उसके कोटे को लेकर आंदोलन का समर्थन किया। [12]
- वर्ष 2016 में उन्हें भाजपा के कानून और कानूनी मामलों के विभाग के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में नियुक्त किया गया।
- 20 जुलाई 2019 को उन्हें पश्चिम बंगाल के 28वें राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया।
- वर्ष 1979 में B.Sc और LLB की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान में एक वकील के रूप में कानून का अभ्यास करना शुरू किया।
- 10 नवंबर 1979 को जगदीप धनखड़ को राजस्थान बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था।
- वर्ष 1987 में जगदीप धनखड़ को राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। वह राजस्थान के बार एसोसिएशन के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष थे।
- जगदीप धनखड़ ने वर्ष 1988 में जनता दल (जद) में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
- उसी वर्ष उन्होंने जनता दल से 9वीं लोकसभा चुनाव लड़ा और वह राजस्थान के झुंझुनू जिले से संसद सदस्य के रूप में चुने गए। 1991 के अंत तक सांसद रहे।
- 27 मार्च 1990 को जगदीप धनखड़ को राजस्थान उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया। इस पद पर उन्होंने 2019 तक कार्य किया।
- 21 अप्रैल 1990 को उन्हें संसदीय मामलों के केंद्रीय उप मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
- जनवरी से मई 1990 तक वह कई संसदीय समितियों के अध्यक्ष के रूप में काम किया जैसे कि सदन की बैठकों के सदस्यों की अनुपस्थिति पर समिति, सामान्य प्रयोजन समिति और विशेषाधिकार समिति।
- वर्ष 1990 में जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट में कानून का अभ्यास करना शुरू किया, जहां उन्होंने मुख्य रूप से स्टील, कोयला, खदान और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता से संबंधित मुकदमे पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने पूरे भारत में कई उच्च न्यायालयों में मुकदमे लड़े।
- 1991 में उन्होंने संसद सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ज्वाइन किया।
- राज्यपाल के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद वर्ष 2019 में उन्हें पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (EZCC) का अध्यक्ष बनाया गया।
- जगदीप धनखड़ ने जुलाई 2022 में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में भाग लिया, जिसमें उन्होंने शासन, विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा संवैधानिक उल्लंघन, सांप्रदायिक संरक्षण और राज्य में जबरन वसूली माफियाओं के प्रसार के बारे में चिंताजनक स्थिति के बारे में बात की।
- 18 जुलाई 2022 को जगदीप धनखड़ को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना गया।
- जगदीप धनखड़ एक शौक़ीन व्यक्ति हैं। वह यात्रा करना बहुत पसंद करते हैं। उन्होंने अपने परिवार के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूके, इटली, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, हांगकांग और सिंगापुर जैसे कई विदेशी देशों की यात्रा की है।
- एक इंटरव्यू में जगदीप धनखड़ ने एक बार दावा किया था कि जब वह छठी कक्षा में थे, तब वह रोजाना 5 से 6 किलोमीटर का सफर तय करते थे।
- विभिन्न राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने के अलावा जगदीप धनखड़ इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (IRCS) के साथ विभिन्न सामाजिक सेवा गतिविधियों में भाग लिया है।
- राजस्थान ओलंपिक संघ और राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष के रूप में जगदीप धनखड़ ने राजस्थान में खेलों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जगदीप धनखड़ को “किसान पुत्र” के रूप में पेश किया। नामांकन के दौरान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे।
- जगदीप धनखड़ के नामांकन पर निशाना साधते हुए, टीएमसी के सांसद सौगत रे ने एक साक्षात्कार में कहा कि राज्यपाल को उपराष्ट्रपति पद के लिए एक उम्मीदवार के रूप में चुना गया था क्योंकि उन्होंने पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार के लिए काम करना मुश्किल बना दिया था। उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल भाजपा के मुखपत्र के रूप में काम करते हैं और उनका नामांकन राज्य के लिए राहत की बात है। उन्होंने कहा,
- जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल सरकार के लिए लगातार परेशानी और परेशान करने वाले तत्व थे। उप राष्ट्रपति के रूप में धनखड़ का नामांकन बंगाल सरकार के जीवन को दयनीय बनाने का पुरस्कार है। हमें राहत है कि उन्हें उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है। धनखड़ ने भाजपा प्रवक्ता के रूप में काम किया है। भाजपा प्रवक्ता के रूप में उनका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है और इसलिए उन्हें यह पुरस्कार मिला है।”
पश्चिम बंगाल के पूर्व राजयपाल जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को देश के 14वें उप-राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धनखड़ को उप-राष्ट्रपति की शपथ दिलाई। धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा को 346 मतों के अंतर से हराकर उप-राष्ट्रपति चुनाव जीता था।
इन्हें भी पढ़ें :-
Q: जगदीप धनखड़ कौन है?
Ans: जगदीप धनखड़ भारत के उपराष्ट्रपति है।
Q: जगदीप धनखड़ कहां के रहने वाले है?
Ans: जगदीप धनखड़ किठाना गाँव, जिला झुंझुनू, राजस्थान के रहने वाले है।
Q: जगदीप धनखड़ की आयु क्या है?
Ans: जगदीप धनखड़ की उम्र 72 साल है और इनका जन्म 18 मई 1951 है।
Q: जगदीप धनखड़ किस पार्टी से हैं ?
Ans: भारतीय जनता पार्टी
Q: जगदीप धनखड़ की पत्नी कौन है?
Ans: इनकी पत्नी का नाम डॉ. सुदेश धनकड़ है ।
Q: जगदीप धनखड़ के बेटे का नाम क्या है ?
Ans: जगदीप धनखड़ के बेटे का नाम जानकारी उपलब्ध नहीं है ।
Q: जगदीप धनखड़ के पोते का नाम क्या है ?
Ans:जगदीप धनखड़ के पोते का नाम डीनो धनखड़ है ।
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