अतीक अहमद कौन है, लेटेस्ट न्यूज़ | Atiq Ahmed Biography in Hindi

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Atiq Ahmed Biography in Hindi
Atiq Ahmed Biography in Hindi

आप हालही में न्यूज़ में एक नाम बार-बार सुन रहे होंगे. वह नाम है अतीक अहमद. अतीक अहमद कौन है, क्या करता है, किस लिए न्यूज़ में इसका नाम आ रहा है. ये सभी प्रश्न आपके दिमाग में चल रहे हैं, लेकिन आपके सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख में मिल जायेंगे. आइये जानते हैं कौन है अतीक अहमद और कैसा रहा इनका अब तक का जीवन।

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अतीक अहमद कौन है? | Who is Atiq Ahmed?

अतीक अहमद हाल फिलहाल में एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, लेकिन इनका नाम अक्सर अपराधों के लीडर में गिना जाता है. एक समय था जब अपराध की दुनिया में अतीक अहमद का ड़का बोलता था, जबसे उन्होंने राजनीति में कदम रखा उन्होंने पीछे मुड़कर इसे वापस नहीं देखा, लेकिन इसमें पूरी सच्चाई नहीं है क्योकि हालही में इनका नाम राजू पाल एवं उमेश पाल के मर्डर केस में सामने आया है.

प्रयागराज में 24 फ़रवरी 2023 को एक हत्याकांड होता है जिसमें उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों को गोली मारकर हत्या कर दी जाती है और यह पूरी वारदाद आसपास के CCTV कैमरे में कैद हो जाती है। जांच के बाद सीसीटीवी की मदद से सभी शूटरों की पहचान कर ली जाती है। यह पूरा हत्याकांड होने के बाद उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद और उनकी पत्नी, बेटों के खिलाफ दर्ज कराई जिसके बाद इस हत्याकांड की जांच चल रही है और अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में कई महीनों से बंद हैं और इन्हें 28 मार्च को प्रयागराज में विशेष अदालत में पेश किया जाना है। जहाँ पर अतीक को सजा सुनाई जा सकती है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है ?

Atiq Ahmed Biography in Hindi

नामअतीक अहमद
जन्म10 अगस्त 1962
पिता का नामफिरोज अहमद
पत्नी का नामशाइस्ता परवीन
बच्चों के नामअली हमद, उमर अहमद, असद अहमद,
अहजान अहमद, आबान अहमद।
जन्म स्थानप्रयागराज
उम्र60 साल
धर्मइस्लाम
जातिज्ञात नहीं
राजनीतिक पार्टीसमाजवादी पार्टी
वैवाहिक स्थितिविवाहित
मामलाहत्या का
मृत्यु15-04-2023
Atiq Ahmed Biography in Hindi

अतीक अहमद का शुरूआती जीवन (Atiq Ahmed Early Life)

Atiq Ahmed Biography in Hindi : अतीक अहमद का जन्म इलाहाबाद अब प्रयागराज स्थित चाकिया नामक मोहल्ले में सन 10 अगस्त 1962 हुआ था। इनके पिता फिरोज अहमद तांगा चलकर परिवार को चलते थे। अतीक अहमद पर 17 साल की उम्र में ही पहली हत्या का केस दर्ज हो गया था। उम्र बढ़ने के साथ-साथ अतीक के अपराध की दुनिया के भी हाथ बढ़ने लगा। इनके ऊपर हत्या, अपहरण, जमीनी कब्ज़ा, पुलिस के साथ मारपीट, शांति व्यवस्था भंग करने, सरकारी काम में बाधा जैसे कई आरोप शामिल है। अतीक अहमद के खिलाफ के 80 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जो उत्तरप्रदेश के अलग-अलग जिलों और बहरी राज्य में भी हैं।

अपराध की दुनिया में एक समय था कि प्रयागराज में अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की तूती बोलती थी. लेकिन राजनीति में कदम रखने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. अतीक ने 1989 में इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से निर्दल प्रत्याशी के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वह इस सीट पर पांच बार विधायक चुने गए. इलाहाबाद (प्रयागराज) का नाम आते ही अतीक अहमद का नाम दिमाग में कौंध जाता है. लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने पर अतीक अहमद के बुरे दिन शुरू हो गए. उनके खिलाफ दर्ज मामलों में कार्रवाई शुरू हो गई. उनकी अवैध संपत्तियों और निर्माण को जमींदोज कर दिया.

योगी सरकार अबतक उनकी करीब 355 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है. माफिया के रूप में पहचाने रखने वाले अतीक अहमद विधायक और सांसद रह चुके हैं. लेकिन आजकल उनके सितारे गर्दिश में चल रहे हैं.

अतीक अहमद का परिवार (Atik Ahmad Family)

बाहुबली अतीक अहमद बेहद ही गरीब परिवार से आते हैं इनके पिता रेलवे स्टेशन में तांगा चलाया करते थे। ने सन 1996 में शाइस्ता परवीन से शादी की, उसके बाद इन्होने पांच बेटों को जन्म दिया मोहम्मद असद, मोहम्मद अहजम, मोहम्मद उमर, मोहम्मद अली और मोहम्मद आबान है। इन सभी के ऊपर भी गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड हैं, इनमें से 2 बेटे अभी भी जेल में बंद हैं। अमीर बनने के सौक ने अतीक नए अपराध की दुनिया में कदम रखा। अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन इसी साल 2023 में BSP (बहुजन समाज पार्टी) में शामिल हुई हैं।

अपराध की दुनिया में किशोरावस्था में ही रखा था कदम

अतीक अहमद का जन्म श्रावस्ती में 10 अगस्त 1962 को हुआ था. इनके पिता फिरोज इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर तांगा चलाते थे. करीब 17 वर्ष की उम्र में अतीक अहमद के खिलाफ पहली बार हत्या का केस दर्ज हुआ था. उम्र बढ़ने के साथ अतीक ने अपराध की दुनिया में सिक्का जमा लिया. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अतीक अहमद पर करीब 80 मामले दर्ज हैं. इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, शांति व्यवस्था भंग करने, पुलिस के साथ मारपीट, लाइसेंसी शस्त्र के दुरुपयोग, गुंडा एक्ट, जमीन पर जबरन कब्जा जैसे आरोप शामिल हैं. उनके खिलाफ इलाहाबाद, लखनऊ, कौशांबी, चित्रकूट, देवरिया के साथ-साथ पड़ोसी राज्य बिहार में भी मामले दर्ज हैं.

अतीक अहमद का राजनीतिक सफर (Atique Ahmed Political Career)

अतीक अहमद का राजनीतिक जीवन

अतीक अहमद ने 1989 में राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी. उन्होंने इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से निर्दल उम्मीदवार के रूप में पर्चा पहली बार विधायक चुने गए. उन्होंने कांग्रेस के गोपालदास को 8102 वोट से हरा दिया. इसके बाद अतीक अहमद ने इसी सीट से 1991 और 1993 का चुनाव भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीता. इसके बाद वह समाजवादी पार्टी की साईकिल पर सवार होकर वर्ष 1996 में चौथी बार विधायक बनने की हैट्रिक लगाई. लेकिन महज तीन साल में अतीक की सपा से दूरियां बढ़ गईं. इसके चलते अतीक अहमद सपा का साथ छोड़कर 1999 में सोनलाल पटेल की पार्टी अपना दल में शामिल हो गए.

प्रतापगढ़ से हार गए थे चुनाव

अपना दल ने उन्हें प्रतापगढ़ से चुनाव लड़वाया, लेकिन अतीक को यहां हार का सामना करना पड़ा. वहीं 2002 में अपना दल ने अतीक को उनकी परंपरागत सीट इलाहाबाद पश्चिमी से टिकट दिया. इस चुनाव में अतीक अहमद को फिर कामयबी मिली और वह विधानसभा पहुंचने में सफल रहे. वर्ष 2003 में मुलायम सिंह यादव की सरकार बनी तो अतीक अहमद एक बार फिर सपा में शामिल हो गए.

2004 में फूलपुर से बने सांसद

सपा ने 2004 के लोकसभा चुनाव में अतीक को फूलपुर से टिकट दिया. अतीक अहमद चुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे. अतीक ने इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. वहां हुए उपचुनाव में सपा ने अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम ऊर्फ अशरफ को टिकट दिया. लेकिन बसपा के राजू पाल ने उन्हें हरा दिया. अतीक अमहद का नाम 1995 में लखनऊ में हुए गेस्ट हाउस कांड में भी आया था. मायावती को अतीक का नाम अच्छी तरह याद था.

मायावती ने अतीक पर कसा शिकंजा

वर्ष 2007 में पूर्व बहुमत से बसपा की सरकार बनी और मायावती मुख्यमंत्री बनीं. इसके बाद मायावती ने अतीक अहमद पर शिकंजा कसना शुरू किया. उन पर एक-एक कर 10 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए. सरकार की सख्ती देख अतीक अहमद फरार हो गए. यूपी पुलिस ने उनपर 20 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया. दबाव बढ़ता देख अतीक ने दिल्ली में गिरफ्तारी दी. सरकार ने उनकी करोड़ों की संपत्तियों को मिट्टी में मिला दिया. वर्ष 2014 में प्रदेश की जनता ने सपा को पूरा समर्थन देकर सत्ता सौंपी तो मुलायम के पुत्र अखिलेश यादव सीएम बने. सपा सरकार बनने पर अतीक को जमानत मिल गई.

2014 में श्रावस्ती से लड़े चुनाव

सपा ने 2014 के चुनाव में अतीक को श्रावस्ती से उम्मीदवार बनाया. लेकिन नरेंद्र मोदी की लहर में उन्हें हार का समाना करना पड़ा. इस बीच एक मामले में उन्हें सरेंडर करना पड़ा. वर्ष 2017 में प्रदेश की जनता ने राज्य की बागडोर भाजपा को सौंपी. इसके बाद योगी आदित्यनाथ सीएम बने. उनकी सरकार बनते ही अतीक अहमद पर एक फिर शिकंजा कसना शुरू हो गया. लखनऊ से एक व्यापारी को अगवा कर देवरिया जेल ले जाने और जेल के अंदर उसकी पिटाई का वीडियो वायरल हुआ. इसमें भी अतीक का नाम आया. पीड़ित व्यापारी ने भी अतीक और उनके बेटे का नाम लिया. इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश से बाहर किसी दूसरे राज्य की जेल में भेजने को कहा. उन्हें अहमदाबाद की साबरमती जेल भेज दिया गया. अतीक अहमद तीन जून 2019 से वहीं कैद हैं.

 

अतीक अहमद पर राजू पाल की हत्या का आरोप (Atiq Ahmed accused of killing Raju Pal)

साल 2004 में फूलपुर से टिकट मिलने के बाद अतीक अहमद सांसद बन गए। जिसके बाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई। इस सीट पर दोबार चुनाव कराए गए। इस चुनाव में उनके भाई को खड़ा किया गया। लेकिन वो इस सीट को जीत नहीं पाए। बसपा के केंडिडेट ने इस सीट को जीत लिया। इसी गुस्से को उन्होंने कुछ महीनों बाद राजू पाल की हत्या कर निकाला। साल 2005 में उन्होंने दिनदहाड़े राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी। इस कांड में अतीक अहमद के भाई को आरोपी करार दिया गया।

अतीक अहमद ने करवाई उमेश पाल की हत्या (Atiq Ahmed got Umesh Pal Killed)

राजू पाल की हत्या के बाद अब उन्होंने राजू के खास दोस्त उमेश पाल की भी हत्या करवा दी। जिसके कारण अब उनके ऊपर राजू और उमेश पाल दोनों की हत्या करवाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसके कारण कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाना भी शुरू कर दिया है। इससे उन्हें भी पता चलेगा जो अपराध किए हैं वो कितने संगीन है। जिसके बाद कोई और ऐसे कांड करने से पहले कई बार सोचेगा। इसी के साथ अन्य कार्रवाई भी जारी है।

अतीक अहमद के बेटे असद का हुआ एनकाउंटर

उमेश पाल मर्डर के केस में उत्तर प्रदेश पुलिस को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. इस मर्डर का मुख्य आरोपी अतीक अहमद का बेटा असद अहमद एवं मर्डर में शामिल शूटर गुलाम दोनों का एनकाउंटर कर दिया गया है। दरअसल इस मर्डर केस के बाद से वे दोनों कई दिनों से फरार थे. इनका एनकाउंटर झांसी के पास 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बड़ागांव एवं चिरगांव के बीच हुआ. दरअसल ये दोनों झांसी और कानपूर हाईवे के पास स्थित एक परीछा बांध के आसपास छिपे बैठे थे, और वहीँ से यूपी एसटीएफ ने दोनों को घेर लिया. और दोनों तरफ से फायरिंग के बाद दोनों का एनकाउंटर हो गया।

अतीक अहमद को बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने का नहीं मिलेगा मौका

ख़बरें आ रही है कि अतीक अहमद ने अपने बेटे की मौत के बाद सारा आरोप स्वीकार कर लिया है कि उमेशा पाल की हत्या उसी ने करवाई है. इन सबके पीछे उसी का हाथ हैं. जिसके चलते उन्हें अदालत से सजा भी हो गई है. मौत की खबर सुनने के बाद अतीक अहमद ने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अदालत से सिफारिश भी की है. लेकिन इस पर कोई कार्यवाही आज यानि शनिवार को होनी है. असद एवं गुलाम का शव यूपी पुलिस द्वारा झांसी से प्रयागराज ले जाया जा रहा है, और वहीँ उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा. आपको बता दें कि अतीक अहमद के पिता फिरोज अहमद की मृत्यु के समय भी अतीक अहमद जेल में था और उसे उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने का मौका नहीं मिलता था।

अतीक अहमद ताज़ा खबर | Atiq Ahmed Death

15/04/2023 को अतीक अहमद और उसके भाई की अनजान लोगो द्वारा गोली मर के हत्या कर दी गई।

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FAQ:-

Q : अतीक अहमद कौन है?

Ans : अतीक अहमद समाजवादी पार्टी के सांसद हैं।

Q : अतीक अहमद कहां के रहने वाले हैं?

Ans : अतीक अहमद प्रयागराज के रहने वाले हैं।

Q : अतीक अहमद ने किसकी हत्या की?

Ans : बसपा के विधायक की हत्या की।

Q : अतीक अहमद को किसने मारा ?

Ans : अपराधी सनी सिंह, अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी ने ( मीडिया के अनुसार )

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