Arunima Sinha Biography in Hindi: अरुणिमा सिन्हा का जीवन परिचय, बायोग्राफी, जन्म, धर्म, जाति, पति, भारतीय पर्वतारोही, पुरस्कार एवं सम्मान (Arunima Sinha Ki Jivani, Biography, Birth, Religion, Caste, Husband, Indian Mountaineer, Awards and Honors)

Table of Contents
Arunima Sinha Biography in Hindi
नाम | अरुणिमा सिन्हा |
जन्म तिथि | 20 जुलाई 1989 |
जन्म स्थान | अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश (भारत) |
उम्र | 33 वर्ष (2022 तक) |
पिता | ज्ञात नही |
माता | ज्ञात नही |
पति | गौरव सिंह |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
जाति | कायस्थ |
शिक्षा | पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम), उत्तरकाशी। |
पेशा | प्रेरक वक्ता, भारतीय पर्वतारोही, पूर्व सात बार वॉलीबॉल राष्ट्रीय खिलाड़ी। |
पुरस्कार | पद्म श्री पुरस्कार (2015), तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार (2015), प्रथम महिला पुरस्कार (2016), मलाला पुरस्कार, यश भारती पुरस्कार, रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार। |

अरुणिमा सिन्हा का बचपन (Arunima Sinha Early Life)
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, से लगभग 200km दूर अंबेडकरनगर में अरुणिमा का जन्म हुआ। इनका जन्म सन 1988 में हुआ। इनके पिता जी Army में इंजीनियर थे। इनकी माताजी medical department में सुपरवाइजर थी। तीन साल की उम्र में ही, इनके पिताजी का देहांत हो गया। पिता की मृत्यु के बाद, घर की सारी जिम्मेदारी इनके जीजा जी पर आ गई। जिन्हें यह भाई साहब कहा करती थी। इन्होंने अंबेडकर नगर से ही अपनी स्कूलिंग की। फिर वही से graduation भी किया।
अरुणिमा सिन्हा को शुरू से ही, sports में काफी अधिक रुचि थी। इन्हें football, volleyball, swimming जैसे sports बहुत पसंद थे। यह वॉलीबॉल की चैंपियन भी थी। परिस्थितियों के सामने, अपने dreams को अलग रखकर। इन्होंने नौकरी करने के लिए प्रयास शुरू किए। इनके भाई साहब ने सलाह दी। तुम मिलिट्री की तैयारी करो। क्योंकि वहां पर बहुत सारे स्पोर्ट्स में भी भागीदारी का मौका मिलेगा।
इसके बाद इन्होंने मिलिट्री के बहुत सारे एग्जाम दिए। अंततः इनका चयन CISF(Central Industrial Security Force) में हो गया। लेकिन इनके admit card में date of birth गलत हो गई थी। जिसे सही कराने, इन्हें दिल्ली जाना पड़ा। जहां से इनके संघर्षों का दौर शुरू होता है। शायद इसे हम उनके जीवन का turning point भी कह सकते हैं।
जन्म और पढ़ाई (Birth and Studies)
इनका जन्म 20 जुलाई 1988 को अम्बेडकर नगर, जिला सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इन्होंने अपनी शुरू की पढ़ाई इन्होंने उत्तर प्रदेश से पूर्ण की इसके बाद इन्होंने उत्तरकाशी के नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउन्टेनीयरिंग से पर्वतारोहण का कोर्स किया। (अरुणिमा सिन्हा की पढ़ाई) बचपन में उनका मन फुटबॉल और वॉलीबॉल जैसे खेलों में ज्यादा लगता था। वे नेशनल वॉलीबॉल प्लेयर भी थी।

ट्रेन में हुआ हादसा (Train Accident)
CISF की परीक्षा में भाग लेने वे दिल्ली जा रही थी। पद्मावती एक्सप्रेस में 11 अप्रैल 2011 को लखनऊ से दिल्ली जाते वक्त आधी रात को कुछ बदमाश ट्रेन के डिब्बे में चढ़ गए और अरुणिमा को अकेला देखकर उनका सामान तथा गले की चेन छिनने की कोशिश करने लगे। अरुणिमा स्पोर्ट्स प्लेयर थी तो उन्होंने अपने बचाव में उनका विरोध किया परन्तु वे ज्यादा थे और
ये अकेली और रात का अंधेरा तो उन बदमाशो ने इन्हें चलती हुई ट्रेन से बरेली के पास बाहर फेंक दिया। वे जाकर दूसरी पटरी पर जा गिरि और जब तक वहाँ से स्वयं को हटा पाती दूसरी ट्रेन आ गई और उनके बाए पैर को कुचलकर चली गई। वे पूरी रात दर्द से चीखती चिल्लाती रही आस-पास के चूहे , चीटियां उनके पैर को काटते रहे। (अरुणिमा सिन्हा के साथ हुआ हादसा)
वे पूरी रात दर्द से रोती बिलखती रही परन्तु कोई फायदा नहीं हुआ वे अकेली थी और हिल भी नहीं पा रही थी। पूरी रात अपने खून से सने पैर को देखती रही, उस रात में लगभग 40 से 50 ट्रेन उनके पैर को कुचलते हुए गई और वे अपनी मौत का मंझर अपनी आँखों से देखती रही। वे जीने की उम्मीद खो चुकी थी लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजुर था।
पैर खोकर भी लाचार और बेबस नहीं बनीगाँव के लोगों ने उन्हें पटरी के पास पड़े देखा तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया और उनकी जान बच गई। उनकी जान तो बच गई लेकिन डॉक्टर उनका पैर नही बचा पाए और उनका पैर काटना पड़ा। राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबाल प्लेयर ने अपना पैर हमेशा के लिए खो दिया और अब वॉलीबॉल खेलने का अवसर भी, वे इस घटना से बेहद दुःखी हुई उनसे वॉलीबॉल खेलने का अवसर छीन लिया गया उनके सारे सपने टूट गए। (अरुणिमा सिन्हा ने अपना पैर खो दिया)
दिल्ली AIMS में वे लगभग 4 महीने तक भर्ती रही और अंत में मौत के मुंह से बाहर आई, वे मौत से तो जीत गई परन्तु अपना पैर खो बैठी। अब उनके बाएँ पैर को कृत्रिम(बनावटी) पैर से जोड़ दिया गया। रिश्तेदार तथा परिवार वालो की नज़र में अब वे विकलांग तथा कमजोर हो चुकी थी। उन्हें एक बच्चे के रूप में सहानुभूति की नज़र से देखा जाता जो कि उन्हें स्वीकार नहीं था।
उनकी यह हालत देखकर डॉक्टर भी उन्हें आराम करने की सलाह दे चुके और अब स्पोर्ट्स से दूर रहने की सलाह दे रहे थे परन्तु उन्हें यह अस्वीकार था। उन्होंने सोच लिया कि वे लाचार या बेबस नहीं बनेगी, अपने पैरो पर खड़ी होगी किसी पर बोझ नहीं बनेंगी और अपना एक अलग रास्ता चुनकर सभी के लिए मिसाल बनकर दिखाएगी । (अरुणिमा सिन्हा का जीवन परिचय)

सम्मान तथा पुरस्कार (Honors and Awards)
★ उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले की एक संस्था भारत भारती ने उन्हें “सुल्तानपुर रत्न अवार्ड” से सम्मानित करने की घोषणा की है।
★ अरुणिमा की जीवनी “बॉर्न अगेन इन द माउंटेन” का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है।
★ 2011 में अरुणिमा फाउंडेशन दिव्यांग बच्चों के लिए शुरू किया गया है। (अरुणिमा सिन्हा को मिले सम्मान)
★ भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से 2015 में नवाजा गया है।
★ अंबेडकर नगर महोत्सव समिति की ओर से अंबेडकर रत्न पुरस्कार से 2016 में पुरस्कृत किया गया है।
FAQ:
Q: अरुणिमा सिन्हा का जन्म कब हुआ?
Ans: इनका जन्म 20 जुलाई 1988 को अंबेडकर नगर, जिला सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ है।
Q: अरुणिमा के साथ पैर/ट्रेन का हादसा कब हुआ?
Ans: 11 अप्रैल 2011 को ट्रेन के नीचे पैर कुचल गया।
Q: अरुणिमा ने किसे अपना गुरु बना प्रशिक्षण लिया?
Ans: मैडम बछेंद्री पाल से उन्होंने प्रशिक्षण लिया।
Q: अरुणिमा फाउंडेशन कब व किसके लिए शुरू किया गया?
Ans: यह फाउंडेशन 2011 में दिव्यांग बच्चों के लिए शुरू किया गया।
Q: अरुणिमा ने माउंट एवरेस्ट पर फतह कब प्राप्त की?
Ans: 31 मार्च 2013 को चढ़ाई शुरू कर 21 मई 2013 को फतह हासिल की।
Q: अरुणिमा ने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूर्ण करने में कितना समय लगाया?
Ans: 52 दिन
Related Posts:






Latest Post:
-
Haris Rauf Biography In Hindi
Haris Rauf Biography In Hindi, Cricket Career, Family, Age and Net Worth. ( हारिस रऊफ का जीवन परिचय, क्रिकेट करियर, परिवार, उम्र इत्यादि) Haris Rauf Biography In Hindi श्रेणी विवरण …
-
Sunita Williams Biography in Hindi – सुनीता विलियम्स का जीवन
Sunita Williams Biography in Hindi, Nasa, Family, Career, Mission etc. ( सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय, परिवार, उम्र, अंतरिक्ष यात्रा इत्यादि) बीते नौ महीने से अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे अमेरिकी …
-
Rekha Gupta Biography In Hindi – दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का जीवन परिचय
Rekha Gupta Biography In Hindi, Political Career, Caste, Age and Family etc. Rekha Gupta Biography In Hindi रेखा गुप्ता, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता: जीवन परिचय और राजनीतिक यात्रा रेखा …