Ameen Sayani Biography in Hindi, Ameen Sayani age,wikipedia, religion, family, Voice, Death cause, career etc. अमीन सयानी का जीवन परिचय, उम्र, परिवार रेडियो करिअर इत्यादि
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अमीन सयानी की जीवनी | Ameen Sayani Biography in Hindi
Ameen Sayani Biography in Hindi: नमस्कार मैं हूं आपका दोस्त अमीन सयानी और आप सुन रहे है… , आवाज और रेडियो की दुनिया में एक ऐसा नाम जिसने अपनी आवाज और अंदाज में रेडियो की दुनिया ही बदल दी। रेडियो शिलांग और फिर विविध भारती पर प्रसारित उनके बिनाका का गीत माला कार्यक्रम की 40 वर्ष से ज्यादा तक देश नहीं दुनिया में धूम रही।
अपनी जादुई आवाज और मस्त-मस्त अंदाज से सालों तक दुनिया के कई देशों के श्रोताओं पर राज करने वाले अमीन सयानी देश के ऐसे पहले रेडियो स्टार है जिनके सामने बड़े-बड़े फिल्म स्टार भी सलाम करते हैं।
कौन है अमीन सयानी ? Who is Ameen Sayani
अमीन सयानी भारत के एक मशहूर रेडियो संचालक या अनाउन्सर हैं। इन्होंने सिर्फ़ भारत में ही नहीं बल्कि एशिया में भी ख्याती पाई। इनका मशहूर कार्यक्रम “बिनाका गीतमाला” रेडियो सिलोन से प्रसारित होता था। इनकी नकल कर आज भी कई रेडियो संचालक खुद को संवारने में कामयाब हुए हैं। इनके बात करने की शैली “बहनों और भाइयो” की काफ़ी सराही गई। इन्हों ने 54,000 रेडियो कार्यक्रम किये और 19,000 स्पाट्स या जिंगल्स किये। इनका रेडियो सफ़र 1951 में शुरू हुआ था। उनके भाई हामिद सयानी ने उनका परिचय यहां से कराया था.
अमीन सयानी का जन्म
अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 में बंबई( अब मुंबई), महाराष्ट्र, भारत में हुआ था।
Ameen Sayani Death
अमीन सयानी की मृत्यु 20 दिसंबर 2024 को हार्ट अटैक से मुबाई में हुई । इनकी उम्र 91 साल हो चुकी थी।
Ameen Sayani Education शिक्षा
उन्होने अपनी शुरुआती शिक्षा न्यू ईरा स्कूल में की थी जिसमें प्राथमिकी स्तर में गुजराती माध्यम का उपयोग होता था।
5वीं कक्षा से अंग्रेजी पर अधिक जोर दिया जाता था अमीन सयानी ने अपनीशिक्षा Scindia School से प्राप्त की।
इसके बाद उन्होने अपनी उच्च शिक्षा St. Xavier’s College से प्राप्त की।
Ameen Sayani करियर
अमीन सयानी कई अवार्ड से सम्मानित
अमीन सयानी ने तकरीबन 50000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम प्रोड्यूस या वॉइस ओवर किए हैं तकरीबन 19000 जिंगल्स में आवाज देने के लिए भी अमीन जाने जाते हैं । इसके लिए उनका नाम लिम्का बुक्स ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है। रेडियो की दुनिया में अपने योगदान के लिए अमीन सयानी को कई बड़े अवॉर्ड भी मिल चुके हैं जिनमें लिविंग लीजेंड अवार्ड 2006 गोल्ड मेडल 1991 इंडियन सोसाइटी ऑफ एडवर्टाइजमेंट की तरफ से पर्सन ऑफ द ईयर अवार्ड 1992 कान हॉल ऑफ़ फेम अवार्ड 2003 रेडियो मिर्ची की तरफ से मिला है।
रेडियों पर आने वाले बिनका गीत माला को अमीन सयानी अपनी खनकती आवाज के साथ पेश करते थे, जिसे लोग नहीं भूले है।
उन्होने कई विदेशी रेडियों कार्यक्रमों के लिए भी अपनी आवाज दी है।
वह अब तक 50 हजार से ज्यादा कार्यक्रमों और करीब 20 हजार जिंगल कर चुके है।
1992 में उन्हे लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड ने पर्सन ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा गया।
2009 में उन्हे पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
42 सालों तक चला था अमीन सयानी का कार्यक्रम
अमीन सयानी इंडिया के सबसे पॉपुलर रेडियो एनाउंसर थे रेडियो सीलोन और विविध भारती पर 42 सालों तक चलने वाले हिंदी गीतों के अमीन के कार्यक्रम बिनाका गीतमाला ने कई सक्सेस के रिकॉर्ड अपने नाम किए। अमीन के कार्यक्रम का लोग हफ्तों तक बेसब्री से इंतजार करते हैं इस कार्यक्रम गीतमाला के साथ अमीन सयानी इंडिया के पहले ऐसे होस्ट बने जिन्होंने उभरते हुए संगीत जगत के परिदृश्य पर अपनी समझ दिखाते हुए इस शो को कंप्लीट किया और फिर से प्रेजेंट किया ।
अपनी सफलता ने सयानी को इंडिया के सबसे सफल रेडियो प्रेजेंटर की कतार में खड़ा कर दिया उन्होंने अपने सफल करियर में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। उनके नाम पर 54000 से ज्यादा कार्यक्रम प्रोड्यूसर्स/ वॉइस ओवर का रिकॉर्ड है। इसके अलावा 19000 जिंगल्स में अपनी आवाज देने के लिए सयानी का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।
उन्होंने अंग्रेजी उद्घोषणा से अपने करियर की शुरुआत की थी।
लेकिन जब वे आकाशवाणी के हिन्दी प्रभाग के लिए ऑडिशन देने गए तो उनसे कहा गया कि उनके उच्चारण में अंग्रेजी और गुजराती का आभास आता है। मगर अमीन सयानी उन लोगों में से नहीं थे, जो हतोत्साहित हो जाते और एक वक्त ऐसा भी आया, जब वे भारत के हर-दिल-अजीज रेडियो प्रस्तोता बन गए।
पटकथा लेखक राकेश आनंद बख्शी ने अपनी नई किताब ‘लेट्स टॉक आन एयर : कन्वर्सेशन विद रेडियो प्रजेंटर्स’ में अमीन सयानी के वृत्तांत का जिक्र किया गया है।
उन्होने कई विदेशी रेडियों कार्यक्रमों के लिए भी अपनी आवाज दी है। वह अब तक 50 हजार से ज्यादा कार्यक्रमों और करीब 20 हजार जिंगल कर चुके है। 1992 में उन्हे लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड ने पर्सन ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा गया। 2009 में उन्हे पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
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